RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -02-Dec-2022

ममता
 ममता का एक तिनका ले 
तू‌ वहां गंगा की बहती धारा 
रोक डालेगा। 
गिरते आंसूओं की धार 
बना ममता से सजे प्रेम में 
डुबकी लगा तू अमर हो‌ 
जाएगा ममता का रूप रख 
हर मां देवी ‌‌‌‌‌होकर भी इंसान 
बन तन से लगा अपन  
जीवन न्यौछावर कर
मां कर रूप धर‌ जाती है।‌ 
     राखी सरोज 

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7 Comments

Gunjan Kamal

05-Dec-2022 07:32 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Punam verma

03-Dec-2022 08:16 AM

Nice

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RAKHI Saroj

05-Dec-2022 01:22 AM

धन्यवाद आपका

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Mahendra Bhatt

02-Dec-2022 11:47 AM

बहुत खूब

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RAKHI Saroj

05-Dec-2022 01:22 AM

धन्यवाद आपका

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